
*_”सैय्यदना इमाम जाफ़र अल सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं हम आले मुहम्मदﷺ से हराम का ख़ून मोहब्बत कर ही नही सकता, हमसे जिसे बुग्ज़ करता देखो समझ जाओ ये तीन ख़्सलतों में से है._*
_1:- मुनाफ़िक़_
_2- इसके बचपन के किरदार गन्दे रहे हैं (यानी ये हलुवा ए तर रह चुका है)_
_3:- इसकी माँ ने ख़यानत की हराम की पैदाइश है_
*_📚 Reference :-_*
*_हवाला :- निहाया इब्ने असीर जिल्द 5 सफ़ह 📖 315_*
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