
Aaimma e Ahle Baith Ke 12 Imaam
Hazrat Jabir Razi Allahu Tala Anhu Kehte Hain Ke Mene Huzoor Nabi e Kareem ﷺ Se Suna, Aap ﷺ Ne Farmaya Ke Deen Hamesha Galib Rahega 12 Khalifa Ki Khilafat Tak Aur Mere Baad 12 Imaam Ameer (Khalifa) Honge, Phir Aap ﷺ Ne Koi Aesi Baat Farmayi Jo Mene Nahi Suni, Baad Me Mere Walid Ne Bataya Ke Aap ﷺ Ne Ye Farmaya Ke Wo Sab Ke Sab Quresh Khandan Se Honge.
📚 *Reference* 📚
Sahih Bukhari, Hadees No 7223.
Sahih Muslim, Hadees No 4710.
Sunan Tirmizi, Hadees No 2223.
*ये वो मुनाजात है जो खुद ख्वाजा गरीब नवाज़ ने लिखी है जो हर नमाज़ के बाद वो पढ़ते थे…*
*ख्वाजा सिर्फ 14 मासूमीन, अरवाहे अंबिया और शहीदाने कर्बला का वसीला दे कर ही अल्लाह से दुआ करते थे…*
*इस मुनाजात में न किसी अज़वाज का नाम है और न ही किसी असहाब का!*
जिस ख्वाजा गरीब नवाज ने 90 लाख लोगों को इस्लाम में दाखिल किया उनका अकीदा उनकी लिखी मुनाजात पढ़ कर खुद देख लीजिए और अपने अकीदे ख्वाजा गरीब नवाज के अकीदे से खुद मिला कर दुरस्त कर लीजिए।
*अफसोस है ख्वाजा ख्वाजा रटने वाले मुरीदो में 99.9% लोग सीक्वेंस से इन 14 के नाम भी नहीं सुना सकते।*
कितना दूर कर रखा है पूरी कौम को आले रसूल से और हुसैनी दीन से सड़े हुए मुल्लाओ और मुफ्तियों ने।
*Aaimma e Ahle Baith Ke 12 Imaam*
Imaam e Ahle Sunnat Hazrat Imaam Alusi Baghdadi Rehmatullah Alaih Apni Mashoor Tafseer Rooh ul Ma’aani Me Farmate Hain :- Qutbiyat e Kubra Ya’ani Wilayat Ka Markaz Hamesha Ahle Baith e Paak Ke Pas Hoga Aur Asal Me Wohi Qutub ul Akhtab Honge, Agar Unke Alawa Koi Qutub Ho To Wo Unka Naa’ib Hoga Aur Ye Qutbiyat e Kubra Ahle Baith Ke Mashoor 12 Imaamo Ko Hasil Hain.
📚 *Reference* 📚
Tafseer Rooh ul Ma’aani, Safa 383.

🤔 *आख़िर हमें हमारे आलिम/मौलवी साहब ये क्यों नही बताते के अल्लाह के रसूल हज़रत मोहम्मद saws ने हमें ये बताया है कि मेरे बाद अमीर/इमाम /ख़लीफ़ा की तादाद 12 होगी,जबकि अहलेसुन्नत की बड़ी बड़ी किताबों में हदीसों में ये बात वाज़ेह तौर पर मौजूद हैं !*
ये देखिए 👇
حَدَّثَنِي مُحَمَّدُ بْنُ الْمُثَنَّى ، حَدَّثَنَا غُنْدَرٌ ، حَدَّثَنَا شُعْبَةُ ، عَنْ عَبْدِ الْمَلِكِ ، سَمِعْتُ جَابِرَ بْنَ سَمُرَةَ ، قَالَ : سَمِعْتُ النَّبِيَّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ ، يَقُولُ : يَكُونُ اثْنَا عَشَرَ أَمِيرًا ، فَقَالَ كَلِمَةً لَمْ أَسْمَعْهَا ، فَقَالَ أَبِي ، إِنَّهُ قَالَ : كُلُّهُمْ مِنْ قُرَيْشٍ .
मैंने नबी (सल्ल०) से सुना, *आप (सल्ल०) ने फ़रमाया कि (मेरी उम्मत में) बारह अमीर होंगे।* फिर आप (सल्ल०) ने कोई ऐसी बात फ़रमाई जो मैंने नहीं सुनी। बाद में मेरे वालिद ने बताया कि आप (सल्ल०) ने ये फ़रमाया कि वो सब-के-सब क़ुरैश ख़ानदान से होंगे।
Sahih Bukhari#7222
किताब : हुकूमत और अदालत के बयान में
➡️सही मुस्लिम शरीफ़ में तो रसूलअल्लाह saws ने साफ़ साफ़ फ़रमाया है कि वो 12 इमाम/अमीर मेरे जानशीन होंगें, मुलाहिज़ा फरमाएँ👇
حَدَّثَنَا قُتَيْبَةُ بْنُ سَعِيدٍ، حَدَّثَنَا جَرِيرٌ، عَنْ حُصَيْنٍ، عَنْ جَابِرِ بْنِ سَمُرَةَ، قَالَ: سَمِعْتُ النَّبِيَّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَقُولُ: ح وحَدَّثَنَا رِفَاعَةُ بْنُ الْهَيْثَمِ الْوَاسِطِيُّ، وَاللَّفْظُ لَهُ، حَدَّثَنَا خَالِدٌ يَعْنِي ابْنَ عَبْدِ اللهِ الطَّحَّانَ، عَنْ حُصَيْنٍ، عَنْ جَابِرِ بْنِ سَمُرَةَ، قَالَ: دَخَلْتُ مَعَ أَبِي عَلَى النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ، فَسَمِعْتُهُ يَقُولُ: «إِنَّ هَذَا الْأَمْرَ لَا يَنْقَضِي حَتَّى يَمْضِيَ فِيهِمِ اثْنَا عَشَرَ خَلِيفَةً»، قَالَ: ثُمَّ تَكَلَّمَ بِكَلَامٍ خَفِيَ عَلَيَّ، قَالَ: فَقُلْتُ لِأَبِي: مَا قَالَ؟ قَالَ: «كُلُّهُمْ مِنْ قُرَيْشٍ
हुसैन (बिन-अब्दुर-रहमान) ने हज़रत जाबिर-बिन-समुरा (रज़ि०) से रिवायत की कि मैं अपने वालिद (हज़रत समुरा-बिन-जुनादा (रज़ि०)) के साथ रसूलुल्लाह (सल्ल०) की ख़िदमत में हाज़िर हुआ, *मैंने आप (सल्ल०) को ये फ़रमाते हुए सुना : इस बात का ख़ात्मा उस वक़्त तक नहीं होगा जब तक उस में मेरे बारह जा-नशीं न गुज़रें।* फिर आपने कोई बात की जो मुझ पर वाज़ेह नहीं हुई। मैंने अपने वालिद से पूछा : आप (सल्ल०) ने क्या फ़रमाया है? उन्होंने कहा : आपने फ़रमाया है। : वो सब क़ुरैश में से होंगे।
Sahih Muslim#4723
किताब : हुकूमत के मामलों का बयान
➡️एक जगह और ज़िक्र हुआ है 👇
حَدَّثَنَا ابْنُ أَبِي عُمَرَ، حَدَّثَنَا سُفْيَانُ، عَنْ عَبْدِ الْمَلِكِ بْنِ عُمَيْرٍ، عَنْ جَابِرِ بْنِ سَمُرَةَ، قَالَ: سَمِعْتُ النَّبِيَّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَقُولُ: «لَا يَزَالُ أَمْرُ النَّاسِ مَاضِيًا مَا وَلِيَهُمُ اثْنَا عَشَرَ رَجُلًا»، ثُمَّ تَكَلَّمَ النَّبِيُّ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ بِكَلِمَةٍ خَفِيَتْ عَلَيَّ، فَسَأَلْتُ أَبِي: مَاذَا قَالَ رَسُولُ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ؟ فَقَالَ: «كُلُّهُمْ مِنْ قُرَيْشٍ
अब्दुल-मलिक-बिन-उमैर ने हज़रत जाबिर-बिन-समुरा (रज़ि०) से रिवायत की कि मैंने *रसूलुल्लाह (सल्ल०) को ये फ़रमाते हुए सुना : लोगों की इमारत जारी रहेगी यहाँ तक कि बारह लोग उनके वाली बनेंगे।* फिर नबी (सल्ल०) ने कोई बात कही जो मुझ पर वाज़ेह नहीं हुई, मैंने अपने वालिद से पूछा : रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने क्या फ़रमाया? उन्होंने कहा : रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने फ़रमाया : वो सब क़ुरैश में से होंगे।
Sahih Muslim#4724
किताब : हुकूमत के मामलों का बयान
*📣 सहा सित्ता की किताबों में सबसे बड़ी किताबों में मौजूद इन हदीसों का कोई भी आलिम या मौलाना कभी भी कहीं भी ज़िक्र क्यों नही करते हैं ? क्या ये हदीसें मोतबर नही हैं या माज़ अल्लाह इनकी कोई हैसियत नही है ? जबकि इसमें खुल कर इस बात का ज़िक्र आया है कि हुज़ूर अलैहिस्सलाम के बाद उनके 12 ख़लीफ़ा या जानशीन होंगें जो तब तक होंगे जब तक ये दीन ए इस्लाम मौजूद रहेगा !!*
حَدَّثَنَا هَدَّابُ بْنُ خَالِدٍ الْأَزْدِيُّ، حَدَّثَنَا حَمَّادُ بْنُ سَلَمَةَ، عَنْ سِمَاكِ بْنِ حَرْبٍ، قَالَ: سَمِعْتُ جَابِرَ بْنَ سَمُرَةَ، يَقُولُ: سَمِعْتُ رَسُولَ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَقُولُ: «لَا يَزَالُ الْإِسْلَامُ عَزِيزًا إِلَى اثْنَيْ عَشَرَ خَلِيفَةً»، ثُمَّ قَالَ كَلِمَةً لَمْ أَفْهَمْهَا، فَقُلْتُ لِأَبِي: مَا قَالَ؟ فَقَالَ: «كُلُّهُمْ مِنْ قُرَيْشٍ
हम्माद-बिन-सलमा ने सिमाक से हदीस बयान की, उन्होंने कहा : मैंने हज़रत जाबिर-बिन-समुरा (रज़ि०) को ये कहते हुए सुना : *रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने फ़रमाया : बारह ख़लीफ़ाओं (के अहद) तक इस्लाम ग़ालिब रहेगा।* फिर आपने एक कलिमा फ़रमाया जिसको मैं नहीं समझ सका, मैंने अपने वालिद से पूछा : आप (सल्ल०) ने क्या फ़रमाया? उन्होंने कहा : आप (सल्ल०) ने फ़रमाया : वो सब क़ुरैश में से होंगे।
Sahih Muslim#4726
किताब : हुकूमत के मामलों का बयान
🔍 *आख़िर वो 12 जानशीन ए रसूलअल्लाह saws कौन हैं जिनकी ख़ुद रसूलअल्लाह saws ने इतनी ताकीद की है ?*
📢🔊 ये वही आइम्मा ए अहलेबैत हैं जो ख़ुद रसूलअल्लाह saws की आल /नस्ल से हैं जिन में से सबसे पहले अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अस हैं और 12 वें नम्बर पर हज़रत इमाम महदी हैं।अल्हम्दुलिल्लाह🤲
*यहाँ सिर्फ़ मुखतसरन उन 12 खुल्फ़ा ए रसूलअल्लाह स्वल्लल्लाहो अलयहे व आलेही व सल्लम के नाम का ज़िक्र किया जा रहा है ताकि आप लोगों को उनकी पहचान हो सके➡️*
*1- हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम*
*2- हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम*
*3- हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम*
*4- हज़रत इमाम ज़ैनुलआब्दीन अलैहिस्सलाम*
*5- हज़रत इमाम मोहम्मद बाक़ीर अलैहिस्सलाम*
*6- हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम*
*7- हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम*
*8- हज़रत इमाम अली रेज़ा अलैहिस्सलाम*
*9- हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम*
*10- हज़रत इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम*
*11- हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम*
*12- हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम*
🔍 इनके बारे में अपने अपने आलिम से सवाल कीजिए और किसी एक फ़िरके से इनको मंसूब कर के इनका इनकार न कीजिए,की इनको तो वो लोग अपना इमाम/ख़लीफ़ा मानते हैं तो हम क्यों इनको अपना ख़लीफ़ा/इमाम मानें ! आप सिर्फ़ अल्लाह के नबी का हुक्म माने और कुछ नही।वस्सलाम🙏

