नमाज़ के खुतबे में मौला अली ع पर लानत करने की बदतरीन बिद्दत को मुआविया ने ईजाद किया और इसके गवर्नरों ने इस बदतरीन काम में मुआविया की पैरवी की….
शैख-ए-मुहक्क़िक हज़रत अब्दुल हक़ मोहद्दिस देहलवी ने ‘अस्तुल लमात फ़ि शरह मिश्कात की दूसरी जिल्द में सफ़ाह नं 681 पर तफ़सील से लिखकर यह बात वाज़ेह किया है कि ” खुतबा से पहले नमाज़ पढ़ना नबी करीम ﷺ की सुन्नत है और हज़रत उमर वा हज़रत अबू बकर का भी यही सुन्नत थी। इस बात पर मोहक्किकीन का इजमा है।
सबसे पहले नमाज़ से पहले खुतबे को हज़रत उस्मान ने शुरु कराया मगर बाद में इसको बंद कर दिया मगर हज़रत उस्मान का यह बिल्कुल मकसद नहीं था कि खुतबे में किसी को बुरा भला कहा जाए लेकिन हज़रत उस्मान के बाद सही हदीस से साबित है कि मरवान ने भी खुतबे को नमाज़ से पहले कर दिया ताकि खुतबे में उन लोगों को गालियां दिया जाए जो इसके हकदार नहीं थे [यानि ऐहलैबयत ع को गाली दी जाए मगर अब्दुल हक़ मोहद्दिस देहलवी ने यहां वाज़ेह नहीं किया है कि गाली किसे दिया जाती थी] इसलिए लोग खुतबा बगैर सुने नमाज़ पढ़कर चले जाते थे।
[इस बात में इख्तिलाफ़ है कि] इस सुन्नत को सबसे पहले मुआविया ने बदला [या मरवान ने] शैख ऐ मुहक्किक इसका जवाब देते हुए लिखते हैं कि-
“[मुआविया के गवर्नर] मरवान वा ज़ियाद वगैरह ने इस काम में मुआविया की फ़रमाबरदारी वा पैरवी की।”
यानि कि इस बदतरीन काम के लिए मरवान और ज़ियाद या इनके गवर्नर जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि इसके ज़िम्मेदार हाकिम ऐ वक़्त अमीर ऐ शाम मुआविया ज़िम्मेदार है क्योंकि सभी गवर्नर मुआविया के मुताबिक इस अमल को अंजाम दे रहे थे।
आप खुद भी देखें सफ़ाह 681 पर 👇
https://archive.org/details/ashiya-tul-limat-sharah-mishqat-2-2/page/n679/mode/1up?view=theater
इसी बात को इमाम इब्ने हजर अस्कलानी ने भी फ़त्हुल बारी में काज़ी अयाश के हवाले से लिखा है कि बाकी गवर्नरों ने इस अमल में मुआविया की पैरवी की।
अबू जहरा मिस्री ने अपने दो किताबों में लिखा है कि ऐहलैबयत (ع) को गाली देने की बिद्दत को मुआविया ने ईजाद किया।
इमाम सिब्त इब्ने जौज़ी ने तज़किरातुल ख्वास में भी लिखा है कि
استفاض لعن على على المنابر ألف شهر وكان ذلك بأمر معاوية.
“फ़िर हज़ार महीने तक मेंबर पर हज़रत अली [ع] पर लानत की गई और यह मुआविया के हुक़्म से हुआ।”
देखें इसका अरबी मतन सफ़ाह नं 63 पर 👇
https://archive.org/details/TazkiratolKhavaas/page/n79/mode/1up?view=theater
इसके अलावा कई लोगों ने इस बदतरीन बिद्दत का ज़िम्मेदार मुआविया को ठहराया है।

