Day: October 4, 2024
चौदह सितारे पार्ट 93

इमाम हुसैन (अ.स.) के आइज़्ज़ा व अक़रेबा और औलाद की शहादत
असहाबे बावफ़ा और अन्साराने बासफ़ा की शहादत के बाद आपके आइज़्ज़ा व अक़रोबा यके बाद दीगरे मैदाने कारज़ार में आ कर शहीद हो गए। मेरे नज़दीक बनी हाशिम में सब से पहले जिसने शरफ़े शहादत हासिल किया वह अब्दुल्लाह इब्ने मुस्लिम इब्ने अक़ील थे ।। आप हज़रत अली (अ.स.) की बेटी रूक़य्या बिन्ते सहबा बिन्ते उबाद बिन्ते रबिया बिन यहिया बिन अब्द बिन अल क़मा सअलबिया के फ़रज़न्द थे। आप मैदान में तशरीफ़ लाए और ऐसा शेराना हमला किया कि रूबाहों की हिम्मतें पस्त हो गईं। आपने तीन हमले फ़रमाऐ और 90 दुश्मनों को फ़िन्नार किया । दौराने जंग में उमर बिन सबीह सैदावी ने आपकी पेशानी पर तीर मारा। आपने फ़ितरत के तक़ाज़े पर तीर पहुँचने से पहले अपना हाथ पेशानी पर रख लिया और हाथ पेशानी से इस तरह पेवस्त हो गया कि फिर जुदा न हुआ । फिर उसने दूसरा तीर मारा जो साहब ज़ादे के दिल पर लगा और आप ज़मीन पर तशरीफ़ लाए। (नूरूल ऐन तरजुमा अबसारूल हुसैन पृष्ठ 76) आपको ख़ाको खूं में ग़लता देख कर आपके भाई मोहम्मद बिन मुस्लिम आगे बढ़े और उन्होंने भी ज़बरदस्त जंग की। बिल आखिर अबू जरहम अज़वी और लक़ीत और इब्ने अयास जहमी ने आपको शहीद कर दिया। (बेहारूल अनवार जिल्द 10 पृष्ठ 302 ) इनके बाद जाफ़र बिन अक़ील इब्ने अबी तालिब मैदान में तशरीफ़ ले गए। आपने 15 ज़बरदस्त दुश्मनों
को फ़ना के घाट उतारा। आखिर में बशर बिन खोत ने आपको शहीद कर दिया। (कशफ़ुल ग़म्मा पृष्ठ 82) इनके बाद जनाबे अब्दुर रहमान इब्ने अक़ील मैदान में तशरीफ़ लाए। आपने ज़बरदस्त जंग की और आपको दुश्मनों ने घेर लिया आखिर कार उस्मान बिन ख़ालिद मलऊन की ज़र्बे शदीद से राहीए जन्नत हुए । इनके बाद अब्दुल्लाह अकबर बिन अक़ील मैदान में आए और ज़बरदस्त क्रेताल के बाद उस्मान बिन ख़ालिद के हाथों शहीद हुए । अबू मख़नफ़ के कहने के मुताबिक़ अब्दुल्लाह अकबर के बाद मूसा बिन अक़ील ने मैदान लिया और 70 आदमियों को क़त्ल कर के शहीद हुए। इनके बाद औन बिन अक़ील और जाफ़र बिन मोहम्मद बिन अक़ील और अहमद बिन मोहम्मद बिन अक़ील यके बाद दीगरे मैदान में तशरीफ़ लाए और कार हाए नुमाया कर के दर्जाए शहादत हासिल किया। इनके बाद औन बिन अब्दुल्लाह बिन जाफ़र मैदान में आए और 30 सवार 8 पियादों को क़त्ल करने के बाद अब्दुल्लाह इब्ने बत के हाथों शहीद हुए। आपके बाद जनाबे हसन मुसन्ना मैदान में तशरीफ़ लाए। आपने ज़बर दस्त जंग की और इस दर्जा ज़ख़्मी हो गए कि जां बर होने का कोई इम्कान न था। बिल आखिर मक़तूलैन में डाल दिए गए। नतीजे पर उनका एक रिश्ते का मामू असमा बिन ख़रजा मकीनी बिन अब हसान उन्हें उठा ले गए। इनके बाद जनाबे क़ासिम इब्ने हसन (अ. स.) मैदान में तशरीफ़ लाए। अगरचे आपकी उम्र अभी नाबालगी की हद से मुताजाविज़ न हुई थी लेकिन आपने ऐसी जंग की कि दुश्मनों की हिम्मते पस्त हो गईं।
आपके मुक़ाबले में अरज़क़ शामी आया। आपने उसे पछाड़ दिया। इसके बाद चारों तरफ़ से हमले शुरू हो गए। आपने 70 दुश्मनों को क़त्ल किया आखिर कार अमर बिन माद बिन उरवा बिन नफ़ील आज़दी की तेग़ से शहीद हुए। मुर्रेख़ीन का बयान है कि आपका जिस्मे मुबारक ज़िन्दगी ही मे पामाले सुमे अस्पाँ हो गया था। उनके बाद अब्दुल्लाह इब्ने हसन (अ. स.) मैदान में आए और ज़बरदस्त जंग की, आपने 14 दुश्मनों को तहे तेग़ किया। आपको हानी इब्ने शीस ख़ज़रमी ने शहीद किया। उनके बाद अबू बक्र इब्ने हसन मैदान में आए आपना मैमना और मैसरे को तबाह कर दिया। आप 80 दुश्मानों को क़त्ल कर के शहीद हो गए। आपको बक़ौल अल्लामा समावी अब्दुल्ला इब्ने अक़बा ग़नवी ने शहीद किया है उनके बाद अहमद बिन हसन मैदान में आए। अगरचे आपकी उम्र 18 साल से कम थी लेकिन आपने यादगार जंग की और 60 सवारों को क़त्ल कर के दर्जा ए शहादत हासिल किया। उनके बाद अब्दुल्लाह असग़र मैदान में आए। आप हज़रत अली (अ.स.) के बेटे थे आपकी वालेदा लैला बिन्ते मसूद तमीमी थीं। आपने ज़बर दस्त जंग की और दर्जा ए शहादत हासिल किया। आप 21 दुश्मनों को क़त्ल कर के ब दस्ते अब्दुल्ला बिन उक़बा ग़नवी शहीद हुए ।
बाज़ अक़वाल के बिना पर उनके बाद उमर बिन अली (अ.स.) मैदान में आए और शहीद हुए। तबरी का बयान है यह करबला में शहीद नहीं हुए । अकसर मुर्रेख़ीन का कहना है कि अब्दुल्लाह असग़र के बाद अब्दुल्लाह बिन अली (अ.स.)
असग़र मैदान में तशरीफ़ लाए। यह हज़रत अब्बास (अ.स.) के हक़ीक़ी भाई थे। उनकी उमर बवक़्ते शहादत 35 साल की थी। आपको हानी इब्ने सबीत खिर्जरमी ने शहीद किया। उनके बाद हज़रत अब्बास (अ.स.) के दूसरे भाई उस्मान बन अली (अ.स.) मैदान में आए। आपने रजज़ पढ़ा और ज़बरदस्त जंग की । दौराने क़ताल में ख़ूली इब्ने यज़ीद असबही ने पेशानी पर एक तीर मारा जिसकी वजह से आप ज़मीन पर आ गए। फिर एक शख़्स जो क़बीला ए अबानबिन दारिम का था आपका सर काट लिया। शहादत के वक़्त आपकी उम्र 23 साल थी । इनके बाद हज़रत अब्बास (अ.स.) के तीसरे हक़ीक़ी भाई मैदान में तशरीफ़ लाए और बक़ौले अबुल फर्ज बदस्ते ख़ूली इब्ने यज़ीद और बरवाएते अबू मख़न्नफ़ बा ज़रबे हानी इब्ने सबीत अल ख़ज़रमी शहीद हुए। शहादत के वक़्त आपकी उम्र 21 साल थी। इनके बाद फ़ज़ल बिन अब्बास बिन अली (अ.स.) मैदान में तशरीफ़ लाए और मशगूले कारज़ार हो गए। आपने 250 दुश्मानों को क़त्ल किया और बिल आखिर चारों तरफ़ से हमला कर के आपको शहीद कर दिया गया। इनके बाद हज़रत अब्बास (अ.स.) के दूसरे बेटे क़ासिम इब्ने अब्बास (अ. स.) मैदान में तशरीफ़ लाए । आपकी उम्र बक़ौले इमाम असफ़रानी 19 साल की थी। आपने 800 दुश्मनों को फ़ना के घाट उतार दिया। इसके बाद इमाम हुसैन (अ.स.) की खिदमत में हाज़िर हो कर पानी मांगा। पानी न मिलने पर आप फिर वापस गए और 20 सवारों को क़त्ल कर के शहीद हो गए।
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The Peace Treaty of Imam al Hassan AlaihisSalam





