चौदह सितारे पार्ट 63

हज़रत अली (अ.स.) की अज़वाज व औलाद

किताब अनवारूल हुसैनिया जिल्द 2 सफ़ा 35 में है कि आपने दस औरतों से निकाह किया और आपके इन्तेक़ाल के वक़्त चार बीवियां मौजूद थीं। इमामा, असमा, लैला और उम्मुल बनीन । आपने दस बेटे और अटठारा बेटियां छोड़ीं। इरशादे मुफीद सफ़ा 199 व हमराह इब्ने हज़म व तहज़ीबुल असमा जिल्द 1 सफा 149 में है कि आपके बारह बेटे और सोलह बेटियां थीं आप की नस्ल पांच बेटों से बढ़ी। 1. इमाम हसन (अ. स.), 2. इमाम हुसैन (अ. स.), 3. मोहम्मदे हनफिया 1, 4. हज़रते अब्बास (अ.स.) 5. उमर बिन अली, मुलाहेजा हों। नासेखुल तवारीख़ जिल्द 3 सफ़ा 707 प्रकाशित बम्बई व जिकरूल अब्बास सफ़ा 44 प्रकाशित लाहौर ।

1. मौहम्मद की माँ का असली नाम ख़ूला और लकब और हनफ़ेया था वह क़बीला हनफिया बिन लहीम से थीं, मौहम्मद बिन हनफिया 8 हिजरी में पैदा हुए और उन्होंने यकुम मोहर्रम 81 हिजरी को इन्तेक़ाल किया। उनके जोहद व रियाज़द और ज़ोरो कुव्वत की हिकायत बहुत मशहूर है । (किताब रहमतुल लिल आलेमीन जिल्द 2 सफ़ा 85 प्रकाशित लाहौर) अबुल अब्बास, अहमद बिन अली नल शन्दी अल मुतावफ्फा 821 ई0 तहरीर फ़रमाते हैं कि बनी हनफ़या अदनान के बक्र बिन वाएली से मुताअल्लिक़ एक क़बीला है जिसका सिलसिला यह है। बनू हनफ़या बिन लहीम, बिन साअब बिन अली बिन बक्र बिन वाएल यह यमामा में रहते थे।

( निहायतुल अरब फिन निसाब अल अरब सफ़ा 225 प्रकाशित नजफ़े अशरफ़ )

अबु मोहम्मद हज़रत इमाम हसन (अ.स.)

बाप की शमशीर का हमसर है बेटे का क़लम। बाजुए हैदर की ताक़त, खामए शब्बर में है । । फ़तेह ख़बर में है मुज़मर मक़सदे सुलहे हसन । मक़सदे सुलहे हसन, फ़तहे दरे ख़ैबर में है ।। साबिर थरयानी (कराची) वली जुलमेनन, हज़रत हसन, आँ सरवरे ख़ुबां । कि हर चीज़ अज़ अदम बाकुदर तश मुमकिन ज़े इमकाँ शुद | | जेहे सौदाए बातिल के तवानम, मदहे आँ शाहे । कि मदाहश ख़ुदा, रावी पयम्बर, मदहे कुरां शुद | |

हज़रत इमाम हसन (अ. स.), अमीरल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) व सय्यदतुननिसां हज़रत फ़ात्मा ( स.व.व.अ.) के फ़रज़न्द और पैग़म्बरे ख़ुदा हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा (स.व.व.अ.) व मोहसिने इस्लाम हज़रत खदीजतुल कुबरा के नवासे थे। आपको खुदा वन्दे आलम ने मासूम मन्सूस अफ़ज़ले कायनात आल इल्मे लदुन्नी क़रार दिया है।


आपकी विलादत

आप 15 रमज़ानुल मुबारक 3 हिजरी की शब को मदीनाए मुनव्वरा में पैदा हुये। विलादत से क़ब्ल उम्मे अफ़ज़ल ने ख़्वाब में देखा कि रसूले अकरम ( स.व.व.अ.) के जिस्मे मुबारक का एक टुकड़ा मेरे घर में आ पहुँचा है। ख़्वाब रसूले करीम (स.व.व.अ.) से बयान किया। आपने फ़रमाया कि इसकी ताबीर यह है कि मेरे लख़्ते जिगर फ़ात्मा के बत्न से एक बच्चा पैदा होगा जिसकी परवरिश तुम करोगी। मुवर्रेखीन का बयान है कि रसूल (स.व.व.अ.) के घर में आपकी पैदाईश अपनी नवैय्यत की पहली ख़ुशी थी। आपकी विलादत ने रसूल (स.व.व.अ.) के दामन में मक़तूलून् नसल होने का धब्बा साफ़ कर दिया और दुनियां के सामने सूरए कौसर की एक अमली और बुनियादी तफ़सीर पेश कर दी।