जन्नत का जोड़ा

जन्नत का जोड़ा

एक यहूदी की लड़की, जो बड़ी मालदार थी ब्याही गयी। बहुत-सी औरतें उसकी शादी में बुलाई गयीं जो बड़े बेशकीमत कपड़े पहनकर आयीं। उन औरतों ने कहा कि हमारी दिली आरजू है किसी तरह मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की बेटी फ़ातिमा और उसके फक्र (तंगदस्ती) को भी देखें । चुनांचे यहूदी की लड़की ने हज़रत फातिमा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा को बुला भेजा। आपने उसकी तक़रीब में शामिल होने का वादा भी कर लिया। अभी थोड़ी देर न गुज़री थी कि जिब्रईल अलैहिस्सलाम जन्नत का एक जोड़ा लेकर हाज़िर हुए और हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने वह जन्नती जोड़ा हज़रत फ़ातिमा को पहनने के लिए दिया। आपने वही जोड़ा पहना और यहूदी की लड़की की शादी में तशरीफ़ ले गयीं। जब आप उन औरतों में बैठीं तो उस जोड़े के नूर के चमकारे पैदा हुए। औरतों ने हैरत में आकर पूछा- फातिमा यह लिबास तुम्हारे पास कहां से आया ? फ़रमाया- मेरे बाप के घर से । औरतें बोलीं तुम्हारे बाप को किसने दिया? फ़रमाया- जिब्रईल ने। औरतें बोलीं- जिब्रईल कहां से लाए ? फरमाया – जन्नत से! यह सुनकर सबने बइत्तफाक कलिमा-ए – शहादत पढ़ा। अशहदु अल्ला इला हा इल्लल्लाह व अन्न न मुहम्मदिंव रसूलुल्लाह के नारे से सारा मकान गूंज उठा।

( नुजहतुल मजालिस जिल्द २, सफा २७६) सबक: हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और अहले बैत इज़ाम का फक्र, फक्रे, इख़्तियारी था। जुहद व फक्र और सादगी उम्मत की तालीम के लिये थ वरना वह तो जन्नत के मालिक थे। उनका लिबास भी जन्नत से बनकर आता था।

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