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ऐलान इ ग़दीर :-
इस हदीस को 146 जलीलुल क़द्र सहाबा ऐ किराम ने रिवायत किया है और 163 अइम्मा ऐ हदीस ने अपनी किताबो में दर्ज़ किया है। ये मुतवातिर हदीस है जिसका इंकार कुफ्र है। कुछ मैनस्ट्रीम किताबो के हवाले पोस्ट कर रहा हु।
1) जाम ऐ तिर्मिज़ी – हदीस न. 3713
रसुलल्लाह ﷺ ने फ़रमाया “जिसका मैं मौला उसका अली मौला”
2) ख़साइस ऐ अली – इमाम निसाई
इमाम निसाई की लिखी हुवी ख़साइस ऐ अली में पूरा बाब बना हुवा है “जिसका मैं मौला उसका अली मौला” और इसी बाब में इमाम निसाई ने इसी हदीस के दस तुरुक जमा किये है। यहाँ मैं स्कैन पेज में सारी हदीस (पुरा बाब) उर्दू और हिंदी में सेंड कर रहा हु।
3) अल मुस्तदरक लील हाकिम – हदीस न. 4652
इस हदीस को इमाम हाकिम और इमाम ज़हबी दोनों ने सहीह कहा है।
4) अल मोजमुल कबीर तबरानी – हदीस न. 2442, 4836
5) सुनन इब्न माज़ा – हदीस न. 121
यहाँ अरबी मतन में लिखा है ” मन कुंतो मौला फहजा अली उन मौला हु ” लेकिन उर्दू तरजुमे में मौलवी ने डंडी मार कर मौला की जगह दोस्त लिख दिया है, साथ में हिंदी में भी ये हदीस पोस्ट कर रहा हु जिसमे मौला लिखा हुवा है और अरबी मतन में तो है ही।
6) सही मुस्लिम – हदीस न. 6225 से 6228
ज़ैद बिन अरक़म से रिवायत है की रसुलल्लाह ﷺ ने मक़ाम इ खुम पर खुत्बा सुनाया “मैं तुम में दो भारी चीज़े छोड़े जा रहा हु पहली अल्लाह की किताब है जिस में नुर है और हिदायत है और अल्लाह की किताब को थामे रहो इसे मजबूती से पकडे रहो फिर फ़रमाया दूसरी चीज़ मेरी एहलेबैत है, मैं तुम्हे अपनी एहलेबैत के बारे में अल्लाह का खौफ दिलाता हु, मैं तुम्हे अपनी एहलेबैत के बारे में अल्लाह का खौफ दिलाता हु, मैं तुम्हे अपनी एहलेबैत के बारे में अल्लाह का खौफ दिलाता हु”