Shahadat Muslim Bin Aqeel Ka Bayan | Hazrat Aqeel Or Moavia bin Abu Sufyan | Mufti Fazal Hamdard.

ज़िल्हज यौमे शहादत सफ़ीर ए कर्बला

*_आका सय्यदना मुस्लिम बिन अक़ीलع_*
*_आका सय्यदना इमाम हुसैनع के चचा ज़ात भाई थे_*

_कूफ़ा वालो के बार बार बुलाने पर मौला इमाम हुसैनع ने पहले जनाब मुस्लिमع को कूफ़ा भेजा ताकि वहां के माहोल की सही ख़बर मिल सके_

*_सैयदना मुस्लिम अपने साथ अपने दोनों बेटे_*

_1 . मोहम्मद इब्ने मुस्लिमع_
_2 . इब्राहीम इब्ने मुस्लिमع को भी कूफ़ा ले कर गए_

*_आप 5 शव्वाल 60 हिजरी को कूफ़ा पहुंचे_*

_कूफ़ा वालो ने बड़ी ही गर्मजोशी के साथ उनका इस्तेक़बाल किया और चंद ही घंटो में जनाब ए मुस्लिमع के हाथ पर दसयों हज़ार कूफ़ियों ने मौला इमाम हुसैनع की बैत कर ली_

*_बैत होने वालो का हुजूम इस तरह उमड़ा की जैसे कोई सैलाब_*

_जब तकरीबन 40,000 से ज़्यादा लोगो ने मौला इमाम हुसैनع से वफ़ादारी का अहेद कर लिया तब जनाब ए मुस्लिमع ने ख़त के ज़रिए मौला हुसैनع को ये पैगाम भेजा की आप यहाँ तशरीफ़ ले आईये_

*_जब ये ख़बर यज़ीद लानती तक पहुंची तो वो घबरा गया_*

_उसने उस वक़्त कूफ़ा के गवर्नर नोमान इब्ने बशीर को हुक्म दिया की जनाब ए मुस्लिमع को नज़रबंद कर लो और उन्हें कही पर भी ख़ुत्बा न देने दो_

*_मगर नोमान इब्ने बशीर ने जनाब ए मुस्लिमع पर किसी भी तरह की सख़्ती करने से इंकार कर दिया_*

_तब यज़ीदل ने नोमान इब्ने बशीर को बर्ख़ास्त कर के उनकी जगह एक मक्कार और ज़ालिम इंसान उबैदुल्ला इब्ने ज़्यादل को कूफ़ा का गवर्नर बना कर भेजा ताकि जनाब ए मुस्लिमع को रोका जाए_

*_कूफ़ा पहुँचते ही इब्ने ज़्यादل ने सबसे पहले अपने रिश्तेदारो और क़राबतदारों को इकठ्ठा किया और उन्हें लालच और इनाम के ज़रिए जनाब ए मुस्लिमع की मुख़ालिफत पर राज़ी कर लिया_*

_इसके बाद उसने_

*_खुले आम अवाम को ये ख़ुत्बा दिया की अगर किसी ने जनाब ए मुस्लिमع की हिमायत की तो उसका सर क़लम कर दिया जाएगा_*

_इब्ने ज़यादل के डर और माल ओ दौलत के लालच में ज़्यादा तर कूफ़ी अपने अहद से मुकर गए_



_ये ख़बर सुन कर जनाब ए मुस्लिमع ने किसी घर में पनाह ली ताकि किसी तरह मौला इमाम हुसैनع तक ये ख़बर भेज कर उन्हें यहाँ आने से रोका जाए_

*_मगर वो ख़बर भेजने से पहले ही गिरफ्तार कर लिए गए_*

_जब उन्हें इब्ने ज़्यादل के पास लाया गया तब भी उनके साथ हज़ारो की तादाद में कूफ़ी शामिल थे_

*_पर इब्ने ज़्यादل की धमकी और लालच की वजह से चंद ही मिंटो में सरे कूफ़ीयो ने उनका साथ छोड़ दिया_*

_और फिर 9 ज़िल्हज को_

*_इब्ने ज़्यादل ने कूफ़ा की एक ऊँची मीनार पर ले जा कर जनाब मुस्लिमع के सर को क़लम कर दिया और ऊपर से ही आप के जिस्म ए मुबारक को नीचे फेक दिया

_और कूफ़ा वालो को धमकी दी की अगर किसी ने यज़ीदل की मुख़ालिफत की तो उसका भी यही हाल होगा_

*_जनाब ए मुस्लिमع की शहादत के वक़्त उनके दोने बच्चों को एक मकान में छुपा दिया गया था_*

_अफ़सोस आख़िर उन्हें भी पकड़ कर ज़ालिमों ने शहीद कर दिया_

*_🖐🏻लानत हो क़ातिलाने मुस्लिमع पर_*


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