Al Mustadrak al Hakim ( Arabic )
Jild – 4
Safa – 685
Hadith – 8636
अबूल अब्बास मुहम्मद बिन याकूब ने बताया, इन्होंने अल अब्बास बिन मोहम्मद बिन हातिम दौरी से सुना, इन्होंने अबु अमर अब्दुल मलिक बिन हबीब अल आकदी से सुना, इन्होंने कथीर बिन ज़ैद से सुना, जो दाऊद बिन अबी सालिह से अपने बाप का बयान करता है: “एक दिन मरवान आया और उसने एक आदमी को कब्र ए रसूल पर चेहरा रखते हुए पाया। उसने उसके गले पकड़ लिया और कहा: तुम क्या कर रहे हो? उसने कहा: हाँ। (सर उठा कर)
तब उसने उसके पास जाकर देखा तो वह अबू अयूब अल-अंसारी थे। उन्होंने कहा: मैं अपने पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास आया था, ना की पत्थर के ढेर पर। मैंने सुना था कि पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा था: उस समय तू हरगिज मत रोना जब तक दिन के अंदर समझदार (दिन के चलाने वाले) मौजूद हों |
मगर उस समय तू जरूर रोना जब दिन के जिम्मेदार ना एहेल (बद बख्त) बन जाये
यह हदीस सही सनद से साबित है
