ये कैसे मुम्किन है की हुज़ूर के घराने में अबु लहेब अबु जहेल जैसे लोग हों….?

हुज़ूर नबी ए करीम علیہ الصلواۃ والسلام का घराना अफ़ज़ल तरीन घराना है
तो ये कैसे मुम्किन है की हुज़ूर के घराने में अबु लहेब अबु जहेल जैसे लोग हों….?

शायर ए दरबार ए रिसालत हज़रत हस्सान बिन साबितرضی اللہ تعالیٰ عنہ
के वो अशआर जो अबु लहेब के मुताल्लिक़ हैं जिन से अबु लहेब का हज़रत हाशिम का हक़ीक़ी फ़र्ज़न्द होने की नफ़ी होती है यानी अबु लहेब,
हुज़ूर नबी ए करीम صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم का हक़ीक़ी चचा नही था

अशआर हज़रत हस्सान बिन साबित 👇

अबु लहेब को ये पैग़ाम पंहुचा दो के हज़रत मुहम्मद ﷺ का पैग़ाम सारी दुनिया में छा कर रहेगा ख़्वाह ये बात तुझे इन्तेहाई न-गवार हो
तू ने उनकी तकज़ीब की और उन्हें तकलीफ़ पहुंचाई है और मामूली ग़ुलामों की ख़ुशी हासिल करने की कोशिश की है

अगर तेरा ताल्लुक़ हाशिम के आला और मुअज़्ज़िज़ लोगों से होता तो तू कभी ऐसा घटिया काम न करता
लेकिन तू अपने बाप लहयान का वारिस है और तेरा क़बीला बद-गोई का मरकज़ है इस लिए तू बनु हाशिम की तरफ़ मंसूब होना छोड़ दे

बनु हाशिम ने इज़्ज़तें और बुलंदिया समेट ली और तू ज़िल्लत की गहराईयों में पड़ा रह गया


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