मैं अली के आगे कैसे चल सकता हूं

*मैं अली के आगे कैसे चल सकता हूं अल्लाह की इज्जत की कसम मैंने खुद हुजूर (صلى الله عليه وآله وسلم) को कहते हुवे सुना के जो मेरा मकाम है मेरे रब के करिब वो अली का मकाम है।* (अल्लाहु अकबर सुभान अल्लाह ❤😍)
*~ हज़रत अबू बकर सिद्दीक़ (رضي الله ﺗﻌﺎﻟﯽٰ عنه) ❤*
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किताब अहले सल्बत: रियाज़ उन नज़रा मुहिबुद्दीन तबरी जिल्द 2 पृष्ठ 118 / अनुवाद अल्लामा सईम चिश्ती (रा)

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