गर्दन पर मेरी बैअत December 11, 2022 aal-e-qutub अल्लाह तआला (सहाबी ए रसूल हज़रत )तल्हा को जन्नत में दाख़िल न फ़रमाता अगर उनकी गर्दन में मेरी (अली की) बैअत ना होती..हवाला : इमाम बाक़लानी तमहीदुल अवाइल….इमाम हाकिम अल मुस्तदरक किताब मारफ़तुल सहाबाफ़ैज़ाने आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा फ़ाज़िले बरेलवी Share this:TwitterFacebookPrintPinterestWhatsAppLike this:Like Loading... Related Published by aal-e-qutub View all posts by aal-e-qutub