मेरे अहले – बैत के मुतअल्लिक मेरे जानशीन बनो

*_हजरत अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास رض से एक रिवायत नकल फरमाई है कि हुजूर नबी करीम ﷺ ने आखरी कलाम यह फरमाया कि मेरे अहले – बैत के मुतअल्लिक मेरे जानशीन बनो_* । *_📚 ( सवाइके मुहर्रका सफा : 📖507 )_* 


*_हजरत अबू – बक्र वारजमीं के हवाले से रिवायत नक्ल की गयी है कि रसूलुल्ल्लाह ﷺ तशरीफ लाए तो आपका रुखे अनवर इस तरह तलअतबार था जैसे चाँद का दायरा ।_* 

*_हजरत – अबदुर्रहमान बिन औफ رض ने उस मुसर्रत के मुतअल्लिक पूछा तो हुजूर ﷺ ने फरमाया : मुझे मेरे परवरदिगार की तरफ से बशारत दी गयी है कि मेरे चचाजाद भाई अली ع और मेरी चहेती बेटी फातिमा س को अल्लाह ﷻ ने रिश्तए जौजीयत में मुन्सलिक फरमाकर रिजवाने खाजिने जन्नत को हुक्म फरमाया कि वह जन्नती दरख्त तूबा को हिलाए ._* 

*_और उसके गिरने वाले तमाम पत्ते मुहिब्बाने अहले – बैत Ahle Bait की तादाद के मुताबिक उठा लिये जाएं । फिर तूबा के नीचे नूर से फरिश्ते पैदा किए और वह पत्ते फरिशतो को दिए गए । पस जब क्यामत काइम होगी_* 

*_तो फरिशते तमाम मखलूकात में निदा फरमाएंगे और मुहिब्बाने अहले – बैत Ahl al-Bait में से कोई शख्स भी ऐसा शख्स न होगा जिसे वह पत्ता न दिया – जाए और उस पत्ते पर मुहिबाने अहले – बैत Ahlul Bait के लिये जहन्नम से रिहाई के बारे में लिखा होगा_* *_📚 । … ( सवाइके मुहर्रका सफा : 📖581 )_*
 

*_तबरानी और हाकिम हजरत इब्ने अब्बास رض रिवायत करते हैं कि रसूले काइनात ﷺ फरमाया : अगर कोई शख्स बैतुल्लाह शरीफ के एक गोशा और मकामे इब्राहीम के दर्मियान चला जाये और नमाज पढ़े और रोजे रखे फिर व अहले – बैत की दुशमनी Ahle-Bait ع Ki Dushmani पर मर जाए आग में जाएगा  जहन्नम की ।_* *_📚( सवाइके मुहर्रका सफा : 📖795 ) ‘_*


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