
अली मेरी जान की तरह है
हदीस
रावीयान ए हदीस, अल्-अब्बास बिन मुहम्मद, अल-अह’वस बिन जव्वाब, यूनुस बिन अबु इस्हाक़, अबु इस्हाक़, ज़ैद बिन यसी।
> हज़रत अबु-ज़र रजिअल्लाहु अन्हो से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम ने बनु वली’हा से इंतिबाह करते हुए फरमाया कि, “तुम्हारी तरफ़ ऐसा शख्स आयेगा जो मेरी जान की तरह है, वो मेरा हुक्म तुम पर नाफिज़ करेगा और लड़ने वालों को क़त्ल करेगा और तुम्हारी औलादों को कैदी बनाएगा।”, पस मैं इस ही ताज्जुब में था कि हज़रत उमर, मेरे पीछे से मेरे कमरे में आ गए, मेरे ऊपर हाथ रखा और पूछा, “ऐसे शख्स से मुराद, कौन है?”
मैंने कहा, “इससे मुराद आप और आपके साथी नहीं हैं।”, हज़रत उमर ने पूछा, “फिर वो शख्स कौन है?”, मैंने कहा, “वो जो रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम के जूतों की मरम्मत करने वाला है।”, इसे सुनकर हज़रत उमर ने कहा, “जूतों की मरम्मत तो अली करता है।”