
सफा नं 713 से 715 क़ुरान में ना हक़ क़त्ल करने वालो की सजा जहन्नम बताई गई हैं।
अब्दुल रहमान बिन अब्दे रब्बे काबा ने अब्दुल्लाह बिन उमरो बिन आस से कहा “तुम्हारे चाचा का बेटा मुआविया हमें ना हक़ माल लुटने और ना हक़ क़त्ल करने का हुक्म देता है जब की अल्लाह ने तो ये फ़रमाया है की ऐ इमान वालो एक दूसरे का माल ना हक़ तरीके से ना खाओ” – सही मुस्लिम जिल्द 3, हदीस नं 4776,
जिसे अल्लाह जहन्नमी केहता है, मुल्ला उसे सहाबी और जन्नती केहता हैं। आप फैसला करे की अल्लाह का कलाम सही है, या मुल्ला का फ़तवा।