
इब्ने होक़ल
(943 ई० 996 ई.)
इब्ने होक़ल इस्लामी जगत के महान भूगोल शास्त्री गुजरे हैं। उनका जन्म 943 ई. में बग़दाद में हुआ। उन्होंने अपना ज़्यादातर समय संसार की यात्रा में गुजारा। इससे उनके ज्ञान में वृद्धि हुई। इब्ने होक़ल को बचपन से ही भूगोल में रुचि थी।
331 हिजरी में उन्होंने इस्लामी देशों की यात्रा शुरू की। इस यात्रा के दौरान सिंधु घाटी में उनकी मुलाक़ात प्रसिद्ध भूगोल शास्त्री अस्तख़री से हुई। अस्तख़री ने एक पुस्तक किताबुल अक़ालीम लिखी जिसमें हर देश के लिए अलग अध्याय था जिसमें उस देश की जानकारी के साथ-साथ मानचित्र भी दिया गया था।
इस पुस्तक का 1839 ई० में जे०एच० मिलर ने ड्यूक ऑफ़ सैक्सी गोथा के पुस्तकालय से हस्तलेख लेकर अनुवाद किया।
अस्तख़री ने अपनी पुस्तक इब्ने होक़ल को दी। इब्ने होक़ल ने इस पुस्तक में कुछ संशोधन किया। इब्ने होक़ल ने भी उसी जैसी एक पुस्तक ‘अलमुभालिक-वल मुमालिक’ लिखी। इस पुस्तक में भी हर देश का मानचित्र है। निसंदेह इब्ने होक़ल अपने युग के महान भूगोल शास्त्री गुजरे हैं। क्योंकि उनके बनाए हुए मानचित्र अनुपम हैं। उन्होंने विभिन्न देशों के नागरिकों से मिलकर जो जानकारी इकट्ठी की उसकी बिना पर उनकी पुस्तकें शताब्दियों तक प्रामाणिक रहीं और बाद में आने वाले भूगोलशास्त्री और इस विषय के विद्यार्थी उन पुस्तकों से फ़ायदा उठाते रहे।
इसके अलावा उन्होंने एक और मशहूर पुस्तक ‘सूरतुल अर्ज’ 977 ई. में पूरी की।
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