
हज़रत अबू सईद खुदरी (रज़िअल्लाहु तआला अन्हु) से रिवायत है
हुजूर अलैहिस्सलाम ने इरशाद फरमाया –
खुदा की क़सम जिसके क़ब्ज़े कुदरत में मेरी जान है हम अहले बैत से बुग्ज़ रखने वाला काेई एक शख्स भी ऐसा नहीं कि जिसे अल्लाह तआला जहन्नुम में न ड़ाले ।
📚 मुस्तदरक हाकिम -3/162