रोज़े क़यामत अली की मुहब्बत का सवाल….

रोज़े क़यामत अली की मुहब्बत का सवाल….

हज़रते अबु बरज़ाह रदिअल्लाहो अन्हो फ़रमाते हैं रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे व आलिही व सल्लम ने फ़रमाया कोई शख़्स अपना क़दम नही उठा सकेगा यहां तक कि उससे 4 सवाल न किये जायें 1- उसके जिस्म के मुत्तालिक़ के कहां उसको इस्तेमाल किया

2- उसकी उम्र के मुताल्लिक़ के कहाँ उसको ज़ाया किया 3- उसके माल के मुताल्लिक़ के कहाँ से कमाया कहाँ ख़र्च किया

4- और अहलेबैत की मुहब्बत के मुताल्लिक़ अर्ज़ किया गया या रसूलल्लाह आपकी मुहब्बत की निशानी क्या है….?? अपने मौला अली के कांधे पर हाथ रखा (यानी अली से मुहब्बत मेरी मुहब्बत है)

अल मजमउल अव्सत लिल तबरानी हदीस न0 2191 तिरमिज़ी 5/656/2190/3768 अहमद फ़ी मुसनद 3/5/11005 दारमी 1/135, अबु नईम 10/232

Advertisement

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s