
मिट्टी और इंसान
हज़रत अली करमअल्लाहु वज्हुन करीम ने अपने खुत्बे में आदम अलैहिस्सलाम की ख़िलकत की तरफ़ इशारा करते हुए फरमाया कि “फिर अल्लाह ने सख्त व नर्म व शीरीं व शोराजार ज़मीन से मिट्टी जमा की। उसे पानी से इतना भिगोया कि वह साफ़ होकर निथर गई और तरी से इतना गूंधा कि उसमें लस पैदा हो गया।”
कितनी कमाल की बात की है मेरे मौला ने, आज साइंस इंसानी खिल्कत के बारे में, एक, दो नहीं बल्कि कईयों थ्योरी देता है लेकिन उनमें से कोई भी साबित नहीं है। इस्लाम में माना जाता है कि इंसान मिट्टी से बना यानी इंसानी जिस्म का सबसे खास और ज़रूरी एलीमेंट मिट्टी है बाकि पानी, हवा और आग का भी कुछ हिस्सा है।
दूसरे मजहबों में भी पंचतत्व का जिक्र मिलता है यानी वह मानते इ कि शरीर पाँच तत्व से मिलकर बना है, चार तत्व तो ये ही बताते
हैं. पाँचवा, आकाश को और जोड़ते हैं। बहरहाल, “मिट्टी” पर किसी को इतेलाफ़ नहीं है।
सबसे पहली और गौर करने वाली बात ये है कि मौला अली अलैहिस्सलाम ने ये नहीं फरमाया कि रब ने मिट्टी ली बल्कि ये फरमाया कि रब ने अलग-अलग जगह से मिट्टी जमा की, ये बात याद रखने लायक इसलिए है क्योंकि मिट्टी, मिट्टी में भी फर्क है, सबका कम्पोजीशन, एलीमेंट, तासीर अलग होती है।
हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने जो इशारा १४०० साल पहले किया था, उसपर फिलहाल रिसर्च ही चल रही हैं, अभी इंसान कुछ साबित नहीं कर पाया है। कुछ लोग ये भी ऐतराज़ करते हैं कि मौला के कौल को जबर्दस्ती साबित करने की कोशिश की जाती है तो उन्हें चाहिए कि इमाम जाफ़र सादिक़ का कौल पढ़ लें, जो हज़रत अली की चौथी पुश्त से इमाम हैं।
आप साफ़ फरमाते हैं कि “मिट्टी में पाए जाने वाले तत्व, इंसान के जिस्म में पाए जाते हैं, जिनमें से चार ज़्यादा मात्रा में पाए जाते हैं, आठ, उससे कम और आठ, निहायती कम मात्रा में पाए जाते हैं।”
आइए देखते हैं, मिट्टी और इंसानी जिस्म में क्या कुछ एक-सा है। जिसे कहीं ना कहीं, साइंस भी मानने पर मजबूर है। तकरीबन मिट्टी में पाए जाने वाले बीस एलीमेंट ऐसे हैं, जो इंसानी जिस्म में भी पाए जाते हैं। चार एलीमेंट ज़्यादा क्वांटिटी में होते हैं, आठ उससे कम और आठ सिर्फ नाम मात्र के होते हैं लेकिन उनसे इंकार नहीं किया जा सकता।
आक्सीजन, कार्बन, हाईड्रोजन और नाईट्रोजन, ये चार अच्छी तादाद में पाए जाते हैं, याद रखें, आक्सीज़न और नाईट्रोजन, पानी के ही जुज़ हैं और कार्बन और हाईड्रोजन, नर्म मिट्टी के ज़रूरी एलीमेंट हैं।
वसी-ए-रसूल
इसके बाद देखते हैं वह आठ एलीमेंट जो कम क्वांटिटी में पाए जाते हैं, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, क्लोरीन, सल्फर और आयरन। ये सब भी अलग-अलग तरह की मिट्टी से मिलते हैं, कुछ शीरीं ज़मीन से तो कुछ शोराजार जमीन से।
इसके बाद देखते हैं वह आठ एलीमेंट जो एकदम कम क्वांटिटी में पाए जाते हैं। इनके नाम हैं, मोलिब्डेनम, सेलेनियम, फ्लोरीन, कोबाल्ट, मैंग्नीज, ताँबा, आयोडीन और जिंक।
जब इसी कौल को आगे पढ़ो तो आता है कि ” उसे पानी से इतना भिगोया कि वह साफ होकर निथर गई और तरी से इतना गूंधा कि उसमें लस पैदा हो गया। क्या आपको मालूम है कि इंसानी जिस्म में पानी की क्वांटिटी कितनी होती है?
आज साइंस मानता है कि इंसानी जिस्म में करीब ७०-८० प्रतिशत पानी होता है। बच्चा जब पैदा होता है तब पानी की मात्रा, ८० प्रतिशत से भी ज्यादा होती है,जवान इंसान में ये क्वांटिटी तकरीबन ७० प्रतिशत के आसपास होती है और बुढ़ापा आने तक ये मात्रा, ६० प्रतिशत तक पहुँच जाती है।
अब अगर आप गौर से देखें तो पाएंगे कि मौला अली अलैहिस्सलाम ने पहले फरमाया कि पानी से भिगोया, जाहिर-सी बात है कि जब भिगोया जाएगा तब पानी की मात्रा ज़्यादा होगी, बाद में फरमाया कि उसमें लस पैदा हो गया। अब लसदार मिट्टी में पानी तकरीबन ७० प्रतिशत के आसपास ही रहता है।
सिर्फ़ आदम अलैहिस्सलाम की खिलकत ही नहीं, मौला अली अलैहिस्सलाम ने इंसानों को उनके जिस्म की वह मालूमातें दी थीं, जो शायद अब साइंस खोज पा रहा है।