
एक गिरजा घर पर लिखा हुआ था यह शेअर वाकेआते करबला के पांच सौ साल पहले
तरजमा : जिस कौम ने प्यारे हुसैन को कत्ल किया वह क्या उनके नाना से शफाअत की उम्मीद रख सकती है।

हज़रत अबू हुरैरह रज़ि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : सच्चा मुसलमान वह है जिसके ज़बान और हाथ से दूसरे मुसलमान महफूज रहें।
और सच्चा मोमिन वह है जिससे लोग अपने जान व माल के बारे में मुत्मइन रहें और उन्हें खौफ व ख़तर न हो। (तिर्मिज़ी, निसई)