
हिंदा ( यज़ीद मलऊन की दादी) ने सय्यदना हमजा़ का कलेजा का टुकड़ा चीर कर निकाला, और मुँह में रख कर चबाने लगी मगर निगल ना सकीं, और उगल दिया… क्युकि रब्ब ए कायनात को यह मंजूर ना था कि सय्यदना हमजा़ के जिस्म (अंग) का कोई टुकड़ा भी जहन्नुम में जले….
. *तफ्सीर इब्न कसीर* 15 शव्वाल शहादत ए सय्यदना हमजा़…. رضی اللہ تعالیٰ عنہ