
औलादे सैयदा फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा का अदब
हज़रत ने फ़रमाया तुम लफ़्ज़े खनज़ीर लिखो और उस पर जूते मारो, उस शख्स ने ऐसा ही किया
पीर कमरुद्दीन सयालवी रहमतुल्लाह अलैह से किसी ने पूछा अगर कोई सैयद गलत काम करे तो उसकी बेअदबी की जा सकती है?
फिर आपने क़ुरआन करीम में से लफ़्ज़े खनज़ीर निकाला और फ़रमाया क्या तुम इस लफ़्ज़ के साथ भी ऐसा कर सकते हो? वो शख़्स बहुत शर्मिंदा हुआ।
आपने फ़रमाया बाबू सैयद की इज़्ज़त उसके नसब की वजह से है न के उसकी अपनी ज़ात की वजह से- अल्लाहो अकबर۔
बाज़ जाहिल अपने इल्म और इबादत के घमंड में चूर लोग सादात की बेअदबी बड़े शौक़ से करते हैं और जहन्नम रसीद होते हैं इस वास्ते इस खुली गुमराही व बेअदबी से हमेशा अल्लाह की पनाह मांगों
अल्लाह हमें हमेशा सादात के कदमों की धूल अपने माथे पर मलने की स’आदत नसीब फ़रमाए
आमीन