अ़ली अ़ली इतना क्यूँ ?

जिसकी जितनी मुख़ालिफ़त हुई उसका ज़िक्र उतना बुलंद हुआ
नबी की मुख़ालिफ़त हुई तो रब मे फ़रमाया وَرَفَعْنَا لَكَ ذِكْرَكَ
और हमने तुम्हारा ज़िक्र बुलंद किया
और आज हर तरफ़ नबी नबी की सदाएं हैं !
अ़ली की मुख़ालिफ़त हुई तो मेरे आक़ा अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया ” ज़िकरो अ़लीय्युन इबादतुन ” अ़ली का ज़िक्र इबादत है !
नबी के डिफ़ेंस मे रब्बुल आलमीन
अ़ली के डिफ़ेंस में रहमतल्लिल आलमीन
जिसका ज़िक्र अल्लाह और रसूल बुलंद करें उसका ज़िक्र बुलंद होता रहेगा
कहने वालो का तो काम है कहना
पंज नारा ए पंजतनी सवा लख नारा ए हैदरी
या अ़ली या अल़ी
صل وسلم و بارک علٰی سیدنا محمد و علٰی آل سیدنا محمد