
हदीसों की रौशनी, हज़रते बरा फ़रमाते हैं मैंने रसूलुल्लाहि सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम से ज़्यादह खूबसूरत कभी किसी चीज़ को न देखा,
बुख़ारी शरीफ़ जिल्द 1 सफ़्हा 502
हज़रते अबू हुरैरह कहते हैं के मैंने कोई चीज़ रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से ज़्यादह खूबसूरत, हसीनो जमील न देखी ऐसा लगता था जैसे आपके चेहरे में सूरज गरदिश कर रहा है,,,
तिरमिज़ी शरीफ जिल्द 2 सफ़्हा 205
ऐ अल्लाह हमें अपने प्यारे हबीब अलैहिस सलातो वस्स्लाम के सदक़े मोबाइल को इस्लामी तरीक़े से इस्तेमाल करने की तौफ़ीक़ अता फरमा और खातिमा बिलखैर फरमा, आमीन