हुजूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि सबदे बेहतरीन रिज़्क़ अपने हाथ से कमाकर खाना है और सच्चा व ईमानदार ताजिर क़यामत के दिन शहीद के साथ होगा!
(इब्ने माजा,जिल्द 1,सफह 594)
हुजूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि सबदे बेहतरीन रिज़्क़ अपने हाथ से कमाकर खाना है और सच्चा व ईमानदार ताजिर क़यामत के दिन शहीद के साथ होगा!
(इब्ने माजा,जिल्द 1,सफह 594)