

मालिक बिन दीनार रदियल्लाहु अन्हू का वाक्या
एक बार की बात है हज़रत मालिक बिन दीनार जंगल से गुजर रहे थे गुजरते वक्त अपने देखा की एक बच्चा जंगल में लकड़ियां बिन रहा था और लड़कियां बिन ते बिन ते रोता जा रहा था
आपके दिल में खयाल आया कि इसके मा बाप ने इस पर कितना ज़ुल्म क्या जो इस छोटे से बच्चे को लकड़ियां बिन ने जंगल में भेज दिया आप उस बच्चे के पास गए और पास जाकर अपने सोचा की इस बच्चे को सलाम कर लेता हूं फिर सोचा कि छोटा सा बच्चा है इसे क्या सलाम करू लेकिन फिर खयाल आया कि मुह़म्मद मुस़्त़फा सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम भी तो बच्चो को सलाम किया करते थे तो मै भी कर लेता हूं अपने सलाम किया तो बच्चे ने आपका नाम लेकर आपको जवाब दिया मालिक हैरान हो गए की इस बच्चे को मेरा नाम भी मालूम है
फिर अपने उस बच्चे से कहा कि तेरे मा बाप ने तुझ पर कितना ज़ुल्म किया जो तुझे इस छोटी सी उम्र में यहां लकड़ियां बिनने भेज दिया ये बात सुन कर बच्चा बोला आए मालिक मेरे मा बाप ने मुझ पर कोई ज़ुल्म नहीं किया मै तो बस अपने मा बाप की मदद करने के लिए लकड़ियां बिन रहा हूं मेरा मकसद मा बाप की मदद करना है मुझपे कोई ज़ुल्म नहीं किया मेरे मा बाप ने
ये सुन कर मालिक बिन दीनार कहने लगे आए बच्चे मुझसे गलती हो गई मैंने सोचा शायद तुम्हारे मा बाप ने तुम्हे यह भेजा लेकिन आए बच्चे ये तो बताओ तुम रोते क्यों हो जब उस बच्चे ने ये सुना तो वो बच्चा बोला आए मालिक मै रोता इसलिए हूं की अल्लाह ने इंसान को जहन्नम का ईंधन बनाया है जिस तरह मेरी मा चुला जलाती है और आग जलाने के लिए जिस तरह वो चुले में पहले छोटी छोटी लकड़ियां रखती है मुझे डर है कहीं अल्लाह जहन्नम की आग को भड़काने के लिए बड़े बड़े गुनाह गारो से पहले हम छोटे छोटे बच्चो को ना जहन्नम में डाल दे मै इसलिए खुदा के खौफ में रोता हूं
मालिक बिन दीनार ने जब ये बात सुनी तो हैरान हुए की इतना छोटा बच्चा और इसमें इतना खौफे खुदा ये देखने के बाद मालिक ने सोचा क्यूं ना इस बच्चे से एक सवाल पूछ लिया जाए
मालिक ने उस बच्चे से सवाल किया आए बच्चे मेरे एक सवाल का जवाब दोगे बच्चे ने कहा कि हा सवाल पूछे मालिक ने पूछा बताओ क़ल्ब और नफ्स में क्या फर्क है इतना पूछना था कि बच्चे ने जवाब दिया
अए मालिक सुनो जिसने तुम्हे सलाम। करने से इसलिए रोका की ये छोटा बच्चा है इसे क्या सलाम करू वो तुम्हारा नफ्स था और जिसने तुम्हे ये याद दिलाया कि बच्चो को नबी भी सलाम करते थे तो मै भी सलाम करू वो तुम्हारा क़ल्ब था
मालिक ने बच्चे का जवाब सुना तो हैरान होकर पूछा तुम्हारा नाम क्या है बच्चे ने जवाब दिया आए मालिक मेरा नाम जाफर स़ादिक़ है और मेरे वालिद का नाम मुह़म्मद बाकर है मेरे दादा का नाम ज़ैनुल आबेदीन है और उनके वालिद का नाम ह़ुसैन इब्ने अली है और हम मुह़म्मद मुस़्त़फा सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम की आल है
अहले बैत का दामन थामे रहना
मौला हम सबको अहले बैत से मोहब्बत मरते दम तक दिलो में कायम रखे