सैय्यदना इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम का इल्मो फ़ज़ल

हज़रत इमाम हसन असकरी को इल्मो फ़ज़ल विरासत में मिला था
अहमद बिन मुहम्मद बिन हजर हैसमी मक्की और अश-शैख़ सैय्यदना मोमिन बिन हसन मोमिन अश-शब्लांजी और दीगर मुअर्रिक़ीन लिखते हैं कि :
“एक दिन बहलोल दाना ने देखा की बच्चे खेल रहे हैं उन के क़रीब एक ख़ुबसूरत बच्चा खड़ा हुआ है बहलोल दाना उस बच्चे के क़रीब गए….. और उसको कहा कि तुम इसलिए नही खेल रहे की जो खिलौने इन बच्चों के पास हैं वो तुम्हारे पास नही तुम यहीं रहना मैं बाज़ार से तुम्हारे लिए खिलौना ले आता हूँ…….इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम कमसिनी के बावजूद फ़रमाने लगे की ऐ अल्लाह के बन्दे हम खेलने के लिए पैदा नही हुए है बल्कि हम तो इल्मो इबादत के लिए पैदा हुए हैं…..….बहलोल दाना ने पूछा की तुम्हें ये क्यों कर मालूम हुआ की पैदा होने की वजह इल्मो इबादत है तो आप अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया क़ुरआन ए पाक में है 👇
أَفَحَسِبْتُمْ أَنَّمَا خَلَقْنَاكُمْ عَبَثًا
( अल-मोमीनून 24:115)
“क्या तुमने ये गुमान किया है कि हमने तुमको बे-फ़ायदा (खेल कूद) के लिए पैदा किया है”
…..ये सुन कर बहलोल दाना हैरान हो गए फिर बहलोल ने कहा कि आप मुझे नसीहत फ़रमाए आप अलैहिस्सलाम ने बहलोल को अशआर में नसीहत की फिर बेहोश हो कर गिर पड़े…….जब बेहोशी से बेदार हुए तो बहलोल ने अर्ज़ किया कि आप को क्या हुआ था कि आप बेहोश हो गए आपसे तो गुनाह का तसव्वुर नही……….इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया कमसिनी से क्या होता है मैने अपनी वालिदा को देखा है कि जब वो आग जलाती हैं तो बड़ी लकड़ियों को जलाने के लिए छोटी लकड़ियाँ इस्तेमाल करती हैं मैं डरता हूँ की कहीं जहन्नुम के बड़े ईधन के लिए हम छोटे और कमसिन लोग इस्तेमाल ना किये जाएं
हवाला : 📚📚👇
इब्ने हजर मक्की फ़ि अस-सवाइक़ अल-मुहरिक़ाह 205
शब्लांजी फ़ि नूर उल अबसार फ़ि मनाक़िबी आली बैयत इन नबीय इल मुख़्तार (सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम)
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नोट :- इससे साबित हुआ की आइम्मा ए अहलेबैत ए अतहार को इल्म विरासत में मिलता है इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम बहुत बड़े क़ुरआन के मुफ़स्सिर थे आपने जो क़ुरआन ए पाक की तफ़्सीर लिखी है वो “तफ़्सीर ए असकरी” के नाम से मशहूर है
मज़ार ए मुक़द्दस सैय्यदना इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम
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