
हजरत इमाम रजियल्लाहु तआला अन्हु के जब सब यार व वफादार रफीक व जां निसार शहीद हो गये ! तो हजरत की सगी बहन हज़रत जैनब रजियल्लाहु तआला अन्हु के दो साहबजादे
हजरत औन और हज़रत मुहम्मद मां और मामू की इजाज़त लेकर घोडों को दौडाते हुए नार-ए-तकबीर बुलंद करते हुए दुशमनों की तऱफ़ बढे !
जंगे गाह में घोडों को उडाते हुए आये
शान अपनी सवारी की दिखाते हुए आये
नेज़ो को अपने दिलेराना हिलाते हुए आये
इनां सूए अशरार बनाते हुए आये
लरजा था शुजाओं को दिलेरों की नज़र से
तकते थे सफ़ फौज को शेरों की नज़र से
लशकर में यह गुल था कि वह जांबाज पुकारे
लड़ना हो जिसे सामने आ जाये हमारे
हम वह हैं कि जब होते हैं मेंदां में उतारे
रुस्तम को भगा देते हैं तलवार के मारे
है क़हरे खुदाए दो जहा’ हर्ब हमारी
रुकती नहीं दुश्मन से कभी जर्ब हमारी
ये रिज़्ज़ पढी दोनों ने जू लां किये घोडे
चिल्ले में उधर तीर को कमांदारों ने जोडे
गुल था कि खबरदार कोई मुंह न मोडे
ये दोनों बहादुर हैं तो हम भी नहीं थोडे
यह मार के तलवार गिरा देते हैं उनको
या नेजों की नोकों पे उठा लेते हैँ उनको
यह दोनों शेर दुशमन की फौज में घुस गये ! और कई यजीदियों को जहन्नम में पहुंचा दिया ! जब अश्किया ने देखा यह बच्चे तो शेरो की तरह लड रहे हैं ! तो उन्होंने दोनों को इस तरह नरगे में ले लिया कि दोनो भाई एक दूसरे से जुदा हो गये !
फिर भी किसी की हिम्मत न पडती थी ! आखिर एक शख्स ने पीछे से आकर इस जोर से नेजा मारा कि हजरत जैनब का यह लाल घोडे से लहूलुहान नीचे गिर पडा !
दूसरे भाई को यजीदियों ने नेजों से छलनी कर दिया ! और दोनों शेर फ़र्श खाक पर तड़पने लगे ! उस वक्त हज़रत इमाम रजियल्लाहु तआला अन्हु दौडे !
आपको देखकर दोनों ने आखें खोलीं ! औंर मुस्कूरा दिये और दम तोड़ दिया ! हज़रत जैनब रजियल्लाहु तआला अन्हा आखिर मां थीं ! बच्चों की शहादत की ख़बर पाकर उनका जिगर पाश पाश हो गया !
आसमान व जमीन की आंख में भी आंसू आ गये थे ! लेकिन उन संगदिल कूफियों के दिल रहम से खाली थे ! इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन !
सबक : अहले-बैते इजाम के हर छोटे बडे फर्द में जुरअत व शुजाअत पायी जाती थी ! अल्लाह की राह में कट मरने का जज़्बा अहले-बैत इजाम में बहुत मौजूद था !