कुरान मजीद पढ़ने और पढ़ाने के फज़ाइल और अज्र व सवाब बहुत ज्यादा हैं उसके मुताल्लिक़ चंद हदीसों को पढ़ लो और उन पर अमल करके अज्र व सवाब की दौलतों से मालामाल हो जाओ
हदीस शरीफ़👇
रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया के तुम में बेहतरीन शख्स वो है जो क़ुरआन मजीद पढ़े और पढ़ाए,
📚बुखारी शरीफ जिल्द 2 सफह 252)
हदीस शरीफ़👇
हुज़ूर ए अक़दस सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया के जो क़ुरआन मजीद पढ़ने में माहिर है वो किरामन कातिबीन के साथ है और जो शख्स रुक रुक कुरान पड़ता है और वो उस पर शाक है यानी उसकी ज़बान आसानी से नहीं चलती तकलीफ के साथ अल्फाज अदा होते हैं उसके लिए दोगुना सवाब है
📚अबू दाऊद शरीफ़ जिल्द 1 सफह 212)
हदीस शरीफ़👇
हुजूर ए अनवर सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फरमाया के जिसके सीने में कुछ भी क़ुरआनन नहीं है वो वीराना और उजाड़ मकान के मिस्ल है
📚तिर्मिजी शरीफ जिल्द 2 सफह 115
हदीस शरीफ़👇
रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया के जो शख्स क़ुरआन का एक हर्फ़ पढ़ेगा उसको एक ऐसी नेकी मिलेगी जो 10 नेकियों के बराबर होगी,
मैं यह नहीं कहता के अलिफ, लाम, मीम, एक हर्फ़ है वल्के “अलिफ” एक हर्फ़ है और “लाम” दूसरा हर्फ़ है और “मीम” तीसरा हर्फ़ है मतलब ये है के जिसने सिर्फ़ अलिफ लाम मीम पढ़ लिया तो उसको 30 नेकिया मिलेंगी
📚तिर्मिजी शरीफ जिल्द 2 सफ़ह 115)
हदीस शरीफ़👇
जिसने कुरआन मजीद पढ़ा और उसको याद कर लिया और उसने कुरआन के हलाल किए हुए को हलाल समझा और हराम किए हुए को हराम जाना तो वो अपने घर वालों में से ऐसे 10 आदमियों की शफ़ाअत करेगा जिनके लिए जहन्नम वाजिब हो चुका था