🌺 _नबी करीम ﷺ ने फ़रमाया : “जो शख्स अपने (बीमार)मुसलमान भाई की अयादत के लिए जा रहा होता है तो वो ऐसा है जैसे जन्नत में चल रहा है.. यहाँ तक की वो बैठ जाए और जब वो बैठ जाता है तो अल्लाह की रहमत उसको ढांप लेती है.. और सुबह का वक़्त हो तो शाम तक 70,000 फरिश्ते उसके लिए रहमत और बखशीश की दुआ करते हैं। और अगर शाम का वक़्त हो तो सुबह तक 70,000 फरिश्ते उसके लिए रहमत और बख़्शिस की दुआ करते हैं”।_
📚 _*Sunan ibne majah: jild 1, kitab ul-janazah 6, hadith no. 1442*_
*Grade sahih*