*↳वालिदैन (माँ बाप) के हुक़ूक़!?↲*
*💫हज़रत अबू हुरैरा रज़ि अल्लाह तआला अन्हु से रिवायत है।* की एक आदमी ने रसूल अल्लाहﷺ से अर्ज़ किया या रसूल अल्लाहﷺ मेरे हुस्न ए सुलूक (अच्छे आचरण) का सबसे ज़्यादा हक़दार कौन है? आपने फरमाया तेरी माँ उसने अर्ज़ किया उसके बाद, आप ने फरमाया तेरी माँ, उसने फिर अर्ज़ किया उसके बाद, आपने फरमाया तेरी मां उसने फिर अर्ज़ किया, उसके बाद आप ने फरमाया तेरा बाप
*📗बुखारी शरीफ़*==>इस ज़्यादती के यह मायने हैं कि खिदमत करने में मां को बाप पर तर्जीह (बढ़ाबा) दे और ताज़ीम बाप की ज़्यादा करें क्योंकि वह इसकी मां का भी हाकिम है इस हदीस शरीफ़ से सबक हासिल करें वह नौजवान जो मां-बाप को तकलीफ़ देते हैं और ज़रा ज़रा सी बात पर तानाज़नी करते हैं क्या उन्होंने मंदरजा वाला हदीसे पाक नहीं सुनी है *मुस्लिम शरीफ़* की हदीस है हुज़ूर पाकﷺ ने 3 मर्तबा इरशाद फरमाया उसकी नाक खाक आलूदा हो हज़रत अबू हुरैरा रज़ि अल्लाह तआला अनहु ने अर्ज़ किया या रसूलअल्लाहﷺ किस की? सरकार मुस्तफाﷺ ने इरशाद फरमाया जिसने बूढ़े मां-बाप को पाया या उनमें से किसी एक को पाया और उनकी खिदमत करके जन्नत हासिल ना कर सका
*📗मुस्लिम शरीफ़ जिल्द 2**एक मर्तबा हुज़ूर अकरमﷺ से लोगों ने पूछा वालिदैन का अपनी औलाद पर क्या हक़ है आपने इरशाद फरमाया वह दोनों तेरी जन्नत और दोजख हैं*
*📗मिस्कात शरीफ़*