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*अस्सलामु अलैकुम दोस्तो हलाकू खान जैसे जालिम का दौर कितना मुश्किल होगा आप अंदाजा हो गया होगा बगदाद की तबाही चारो तरफ से हमले _सलेबी मंगोल ओर तन्हा मुसलमान और वो भी कमजोर कभी उस वक़्त को याद करे और फिर आज के वक़्त को याद करे तो आज का वक़्त उसके मुकाबले में कुछ भी नही ,*
*जो कोहे सितम उधर टुटे, लेकिन दोस्तो सलाम हे उन जाबाज़ों को जिन्हें अल्लाह पे ऐसा ईमान था कि उन्होंने अपनी जिंदगी का एक ही मक़सद बनाया मुसलमान को मंगोलो ओर सलेबियो के जुल्म से बचाना हे, वो थोड़े ही थे लेकिन उनका जस्बा लाखो पे भारी था*
*उस वक़्त अगर गाज़ी अरतगल सिर्फ अपने काबिले की सोचते ओर मुसलमानो के लिए खड़े नही होते तो आज तुर्की अनातोलिया बर्जेन्टाइन रूमियों ही रहता , कुस तुंतुनिया इस्ताम्बुल नही बनता , ओर बगदाद फिर से आबाद नही होता*
*अरतगल गाज़ी ने मंगोलो का खत्मा करने के लिए फैसला कुन जंग का इरादा किया ओर इस मकसद के लिए मंगोल सुल्तान बरका खान जो मुसलमान हो चुके थे और मिस्र के सुल्तान रुक्न अल-दीन बेयबर्स को अमादा किया ओर तेय पाया कि एक बड़ी फ़ौज़ तैयार की जाए जिसमे तमाम तुर्क कबाइल भी शामिल हो, अनातोलिया में फैसलाकुन जंग का आगाज़ किया गया , इस जंग में मंगोलो को इबरतनाक शिकस्त हुई और मुसलमान फतेहयाब हुवे,*
*हलाकू खान की मौत कैसे हुई*
*जहा मेने इसके जुल्म बताए वही इस जालिम का अनजाम भी देखे*
*इसकी मोत इबरत नाक मोत हे। एक दिन हलाकू अपने घोड़े पे शान से बैठा हुवा था, चारो तरफ तातारी फ़ौज़ थी, हलाकू खान के हुक्म पे लोगो की को कत्ल करने के लिए सब लगाई गई 3 सब लगाई जिसमे लोग खड़े थे हलाकू की जल्लाद एक एक कर उनके सर कलम कर रहा था*
*हलाकू खान घोड़े पे बैठ इस का लुत्फ ले रहा था, उसको मरते लोगो को देखने का शोक था, आज भी वो यही कर रहा था _जल्लाद ने पहली सब को कत्ल करना सुरु किया एक एक कर सब की गर्दन कट रही थी, इस सब मे एक बूढ़े बाबा थे जो पहली सब से हट के दूसरी सब मे खड़े हो गए जान बचाने के लिए , जब दूसरी सब की बारी आई तो ये तीसरी में खड़े हो गए, ,हलाकू ये मन्ज़र देख रहा था, उसके हाथ मे नीबू था जिसे उछाल के खेल रहा था ,, जैसे तीसरी सब की गर्दन कटना सुरु हुई , ओर ये बूढ़े बाबा की बारी आई जल्लाद ने पकड़ा हलाकू ने आवाज़ लगाई रुको*
*कहा बाबा आज तक मुझसे कोई बचा नही ,,ओर अब तो कोई दूसरी सब भी नही अब कैसे बचोगे अब मेरी तलवार से तुम्हे कोन बचाएगा ,,उस बूढ़े बाबा ने आसमान की तरफ देखा और कहा अगर वो चाहे तो इन्किलाब आ सकता हे ,,एक पल में मुझे बचा सकता हे_हलाकू ने सुना तो बोहोत जोर से झुंझलाया , की उसके हाथ से नीबू छूट गया , उसने फ़ौरन घोड़े पे बैठे हुवे ही, नीबू पकड़ने की कोसिस की इस कोसिस में उसका एक पेर रकाब से निकल गया ,ओर वो गिर गया, हलाकू का दुसरा पेर रकाब में फस गया ,हलाकू के गिरते ही घोड़ा डर गया और भागने लगा ,,हलाकू को घसीटता हुवा ले गया , हलाकू की फ़ौज़ उसके पीछे दौड़ी , लेकिन घोड़ा इतना डर गया कि वो नही रुका भगता रहा ,पत्थर से पिट पिट कर हलाकू की मौत होगई जब उसकी सेना पोहची तो हलाकू मर चुका था*
*इसके बाद उस बूढ़े से सेना डर गई और इसका नज़र अंदाज़ कर दिया*
*गाज़ी अरतगल सलेबियो ,ओर मंगोलो को इस इलाके से निकलने में कामयाब हो गए -, सुगुटअब एक रियासत बन चुकी थी , गाज़ी अरतगल के वफात के बाद उनके छोटे बेटे उस्मान काय काबिले के सरदार बने और रियासत सुगुट मजबूत करते रहे*