*फ़ाज़ईल ए अमीरुल मोमेनीन अलैहिस सलाम*
(सहीह अहादीस की रौशनी में)
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🔹जिसने इसलाम क़बूल किया वह अली [तिरमिज़ी-3735]
🔹पहला शख़्स जिसने नबी के साथ नमाज़ पढ़ी वह अली [तिरमिज़ी-3734]
🔹नबी के झंडे को सबसे आगे उठा कर चलने वाले अली [मुस्तदरिक हाकिम-6121]
🔹नबी की सबसे ज़्यादा क़ुरबत व सोहबत पाने वाले अली [मुसलिम-639]
🔹ख़ैबर जो किसी से फ़तेह नहीं हो पा रहा था, उसे फ़तेह करने वाले अली [मुसलिम-4678]
🔹ख़ैबर का बादशाह मरहब जिसको कोई हरा नहीं पा रहा था, उस मरहब को क़त्ल करने वाले अली [मुसलिम-4678]
🔹ग़ज़वा-ए-उहद में जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ज़ख़्मी हो गए और बहुत से सहाबा उन्हें छोड़कर चले गए, तब उनके ज़ख्मों को साफ़ करने वाले अली [बुख़ारी-3037]
🔹अली वह जिस पर हज़रत उमर रश्क करें [मुसलिम-6222]
🔹अली वह जिससे अल्लाह व रसूल मुहब्बत करे [मुसलिम-6222]
🔹अली वह जिसको रसूल प्यार से अबू तुराब (मिट्टी में लिपटने वाला) कहें [मुसलिम-6229]
🔹अली वह जिसको नबी ने अपना अहले बैत कहा [मुसलिम-6220]
🔹अली से मुहब्बत करने वाला मोमिन है और अली से बुग़्ज़ रखने वाला मुनाफ़िक़ है [मुसलिम-240]
🔹अली से मुहब्बत में ग़ुलू करने वाला और ब़ुग़्ज़ रखने वाला गुमराह व जहन्नमी है [फज़ाएलुस्सहाबा-952,964]
🔹अली का दोस्त अल्लाह का दोस्त है और अली का दुश्मन अल्लाह का दुश्मन है [मिश्कात-6103]
🔹नबी ने कहा : जिसका मौला मैं हूँ, उसके मौला अली हैं [तिरमिज़ी-3713]
🔹नबी ने कहा : अली मुझसे हैं और मैं अली से हूँ [तिरमिज़ी-3712]
🔹नबी ने कहा : हसन व हुसैन जन्नत के नौजवानों के सरदार हैं और उनके वालिद (हज़रत अली) उनसे भी बेहतर हैं [इब्ने माजा-118]
🔹अली की नबी के साथ वही निस्बत है, जो निस्बत हज़रत हारून अलैहिस्सलाम की हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के साथ थी, मगर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बाद कोई नबी नहीं [मुसलिम-6217]
🔹अम्मा आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा ने कहा : (मसले-मसाएल में) अली मुझसे भी बड़े आलिम हैं [मुसलिम-641]
🔹उम्मुल मोमिनीन हज़रत उम्मे सलमा रज़ियल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं : अली क़ुरआन के साथ हैं और क़ुरआन अली के साथ है और क़ुरआन व अली क़यामत तक साथ रहेंगे [अलहाकिम-4628]
🔹इमाम अहमद बिन हम्बल रहमतुल्लाह अलैहि ने कहा : फ़ज़ाएल में मुझ तक सबसे ज़्यादा हदीसें जिसकी शान में पहुँची हैं, वह हज़रत अली हैं [अलहाकिम-4572]