❄️ज़कात के हकदार ❄️
कूरआने करीम मे अल्लाह (जल्ल उला) के फरमान के मुताबिक जकात के सहीह मसारिफ आठ (8) है,
और इन आठों मे भी अल्लाह (जल्ल उला) ने “फूकरा” और ” मसाकीन ” से शुरूआत करके “फकीरों,” मीस्कीनों” हाजतमंद गरीब गूरबा को मूकद्दम किया.
अल्लाह (जल्ल उला) के हूक्म के मुताबिक ही रसुलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिही व सल्लम) ने भी अमल किया.
सिहाह सित्ता की छेह किताबें (१) बूखारी : सहीह
(२) मुस्लिम : सहीह
(3) अबू दाउद : सूनन
(४) निसाई : सूनन
(५) तिरमिज़ी : जामिअ
(६) इब्न माजह : सूनन.
और इन के अलावा दीगर ने हदीष बयान की हय के जब रसुलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिही व सल्लम) ने हज़रत मूआज़ बिन जबल को अपना नूमाइन्दा बनाकर जब “यमन” को रवाना किया तो कूछ ज़रूरी हिदायत तलकीन फरमाई मिन जूम्ला इन मे ज़कात के मूताल्लिक खास हिदायत करते हूए फरमाया :
” فَـاَعْلِمْهُــمْ اَنَّ اللّـهَ افْتَرَضَ عَلَيــْـهِمُ الْصَّــدَقَـةً تُؤْخَـذُمِنْ اَغْنِيـاَئِـهِمْ فَتُرَدُّ فـِــيْ فُقْــــراَ
ئِــهِمْ “.
” फ-आ’लिमहूम अन्नल्लाह अफतरद अलयहिमूस्सदकह तू’खज़ू मिन अग्नियाइहिम फ-तूरद्दू फी फूक़राइहिम “.
” उन लोगों को बताओ के अल्लाह ने ज़कात फर्ज़ की हय तो इन के दवलतमंद (मालदारों) से लेकर इनके फूकरा (गरीबों) मे तकसीम की जाए “.
नोट :- इस हदीष में हम देख सकते हैं के ज़कात के मूताल्लिक रसुलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिही व सल्लम) ने हज़रत मूआज़ बिन जबल को हिदायत फरमाते हूए यही कहा की “मालदारों से ज़कात वसुल कर फकीरों मे तकसीम करदेना”.
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