☆हलाल तरिके की मेहनत से रोजी हासील किया करो…!!
☆हलाल तरिके की मेहनत से रोजी हासील किया करो…!!
♥हजरत अबु हुरैरा (रजी अल्लाहु अन्हु) से रिवायत है की,
रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमाया–
“अगर कोई शख्स लकाड़ीयों का गढ़्ढ़ा अपनी पिठ पर (बेचने) के लिए फिरे तो ओ उससे अच्छा है कि किसी के सामने हाथ फैलाए और ओ उसे कुछ दे या ना दें।…
📖(साहीह बुखारी, वो-3, 2374)
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⛔सबक : यानी किसी के सामने हाथ फैलाने से
बेहतर है की हलाल तरिके की मेहनत से रोजी हासील किया जाए फिर चाहे लकाड़ीयों का गढ़्ढ़ा ही अपनी पिठ पर लेकर क्यों ना बेचना पड़े….!!हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर (रजी अल्लाहु अन्हु) से रिवायत है की,
रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने औरतों को मुखातिब करके फरमाया–
“ऐ औरतों की जमाअत!⬇
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•तुम सदका दिया करो!
•और बहुत ज्यादा अस्तगफार किया करो क्योंकी मैनें
जहन्नम मे ज्यादा तदाद औरतों की देखी है।,
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✴ उनमे से एक अक्लमंद औरत बोली की या रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम)! औरतों को कसरत से जहन्नम मे जाने का क्या सबब है??
रसुलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमायें–⬇
•औरत लेन-देन ज्यादा करती हैं।,
•और अपने शौहर की ना-शुक्री करती हैं।.
📖(सहीह मुस्लिम, वो-1, हदीस-241)